Antarvasna se Mili Pyari Choot
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.. मैं अक्सर अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ और जब कभी भी कोई अच्छी और नई कहानी पढ़ता हूँ तो मन करता है.. काश कोई मुझे भी मिल जाती.. जिसके साथ मैं भी अपनी अन्तर्वासना की आग को बुझा सकता।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.. मैं अक्सर अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ और जब कभी भी कोई अच्छी और नई कहानी पढ़ता हूँ तो मन करता है.. काश कोई मुझे भी मिल जाती.. जिसके साथ मैं भी अपनी अन्तर्वासना की आग को बुझा सकता।
एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मुझे उनका रिप्लाई मिला जिसमें उनका ईमेल पता भी लिखा हुआ था और उन्होंने मुझे कहा- मुझे मेल करना..
ईमेल एड्रेस पाते ही मैंने उनको ईमेल किया और सामान्य बात से शुरुआत की।
ईमेल एड्रेस पाते ही मैंने उनको ईमेल किया और सामान्य बात से शुरुआत की।
क्या कहूँ दोस्तों.. उसको देखने के बाद मैं तो दंग रह गया।
वो करीब 30 से 35 के उम्र की लग रही थी.. 5 फिट 4 इंच की हाइट और भरा हुआ शरीर.. गोरी और मस्त नैन- नक्श वाली.. एकदम अप्सरा सी लग रही थी। मेरी तो जैसे लाटरी लग गई।
वो करीब 30 से 35 के उम्र की लग रही थी.. 5 फिट 4 इंच की हाइट और भरा हुआ शरीर.. गोरी और मस्त नैन- नक्श वाली.. एकदम अप्सरा सी लग रही थी। मेरी तो जैसे लाटरी लग गई।
मैं आपको बता दूँ कि मेरी हाइट 5’11” है.. रंग गेहुंआ और शरीर भरा हुआ है।
बहुत तो नहीं… पर दिखने में मैं भी ठीक ही हूँ।
बहुत तो नहीं… पर दिखने में मैं भी ठीक ही हूँ।
फिर कुछ दिनों तक मैंने उसको कोई फ़ोन नहीं किया, एक रात करीब 11 बजे उसका मिस्ड कॉल मेरे मोबाइल पे आया।
जब कभी वो अपनी माँ के घर जाती थी.. तो अपने पुराने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चुदाई करती थी.. पर अब उसकी भी शादी हो चुकी है।
पिछले दो साल से उसने उसको देखा तक नहीं है।
पिछले दो साल से उसने उसको देखा तक नहीं है।
मैंने कहा- कैसे आऊँ.. तुम न जाने किस शहर में हो और मैं किस शहर में हूँ।
तो उसने मुझसे पूछा- तुम कहाँ से हो?
तो उसने मुझसे पूछा- तुम कहाँ से हो?
तब उसने कहा- कितने बजे?
मैंने कहा- जाना तो दस बजे ही था पर 11 बजे तक भी जाऊँगा तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।
मैंने कहा- जाना तो दस बजे ही था पर 11 बजे तक भी जाऊँगा तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।
फिर एक हाथ से उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और दूसरे हाथ से उसकी नरम-नरम चूची को दबाने लगा।
साथ ही उसकी गर्दन और कान को अपनी जीभ से चाटने लगा।
साथ ही उसकी गर्दन और कान को अपनी जीभ से चाटने लगा।
मैंने उसके मखमल जैसे मुलायम दूध को जी भर के पिया और उसके निप्पल को अपने दांतों से धीरे-धीरे काटा भी।
मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया.. और उसके मुँह से जरा सी चीख निकली.. पर वो चीख उसको मजा दे रही थी।
सिर्फ 5 सेकंड के अन्दर मैंने एक और जोरदार झटका मारा और अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
उसका मुँह खुला का खुला रह गया.. इस बार शायद उसको दर्द हुआ था।
उसका मुँह खुला का खुला रह गया.. इस बार शायद उसको दर्द हुआ था।
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